शाहगंज की ऐतिहासिक रामलीला मंचन का नौवा दिन
सन्यासी रूप में लंकापति रावण ने किया माता सीता का हरण
माता सीता को बचाने जटायू का रावण ने किया वध, प्राण पिए के वियोग में अश्रुपुरित हुए श्रीराम के नयन
नीरज अग्रहरि
शाहगंज जौनपुर
बेनकाब 24×7
शाहगंज की श्रीराम लीला दूर दराज तक काफी मशहूर है। 19 दिनों तक निरंतर चलने वाली यहां की रामलीला दिन प्रतिदिन अपने विशाल रूप की तरफ अग्रसर है। आज गुरुवार को नौवें दिन की लीला का अलौकिक मंचन सम्पन्न हुआ।
शाम को पक्का पोखरा मेला क्षेत्र में लगे मेले के बीच मंडली के कलाकारों द्वारा प्रमुख नक्कटैया की लीला दिखाई गई। जिसमें राम लक्ष्मण के मोहानी रूप पर मोहित हो रावण की बहन राक्षसी सुपर्णखा सुंदर स्त्री का रूप धर पंचावती स्थित श्रीराम की कुटिया पहुंची और विवाह की ईक्षा जताई। हठ कर क्रोधित हो राक्षस रूप में आ गईं। जिसपर राजकुमार लक्ष्मण ने राक्षसी सुपर्णखा के नाक काट दिए। लीला मंचन सहित मेले की रौनक देख क्षेत्रवासी आनंदित हो उठे। मेले की व्यवस्थाओं को संभालने में अक्षत अग्रहरि, शुभम मोदनवाल और वैभव अग्रहरि की मुख्य भूमिका रही।
वहीं तीन दिन तक नगर के नई आबादी मंच पर मंचन सम्पन्न होने के बाद गुरुवार को देर शाम पुनः नगर के गांधीनगर कलकतरगंज स्थित मंच पर लीला प्रारम्भ हुई। जिसमें कलाकारों द्वारा सुपर्णखा रावण संवाद, रावण मारीच संवाद, मारीच कपट मृग प्रवेश, मारीच वध, सीता हरण, जटायू रावण युद्ध, राम विलाप की लीला खेली गई।
प्रस्तुत लीला में बहन सुपर्णखा की अपमान का प्रतिशोध लेने रावण ने सन्यासी रूप धरा। लक्ष्मण रेखा पर करने पर मजबूर कर माता सीता का हरण किया। वहीं मार्ग में जटायू का वध और प्राण पिए के वियोग में श्रीराम विलाप देख श्रोतागण भावुक हो श्री राम की जय जय कार करने लगे।
स्थानीय भजनियाें के द्वारा ढोल मजीरे की धुन पर प्रस्तुत मधुर भजनों से सुशोभित मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की शोभायात्रा रात्रि आठ बजे नगर के चूड़ी मोहल्ला से उठकर बांके चौराहा से होता हुआ पुराना चौक के रास्ते संगत नगर स्थित संगत जी मंदिर पहुंचा। जहां शयन आरती के बाद नौवें दिन की लीला का विश्राम हुआ।