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Monday, April 29, 2024

वक्फ संपत्ति में दर्ज सरकारी जमीन होगी वापस, 33साल पुराना कांग्रेसी आदेश हुआ रद्द

वक्फ संपत्ति में दर्ज सरकारी जमीन होगी वापस, 33साल पुराना कांग्रेसी आदेश हुआ रद्द

यूपी में अब वक्फ बोर्ड  की संपत्तिया की होगी जांच योगी सरकार का बड़ा फैसला

सार्वजनिक जमीन अगर वक्फ में दर्ज तो उसे रद्द कर राजस्व विभाग के मूल स्वरूप में दर्ज होगा

अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इस तरह के भूखंडों की सूचना एक माह में दें साथ ही अभिलेखों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए

कांग्रेस सरकार ने 7 अप्रैल 1989 का आदेश सामान्य संपत्ति, बंजर, ऊसर, आदि मसलन कब्रिस्तान ,मस्जिद, ईदगाह, के रूप में उपयोग किया जा रहा है उसे वक्फ संपत्ति दर्ज किया जाए

इस आदेश के तहत प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा ,ऊसर को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है

राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने शासनादेश जारी करके कांग्रेश शासनकाल में जारी आदेश को समाप्त कर दस्तावेज को दुरुस्त करने का निर्देश दिए

शाहगंज तहसील में सैकड़ों बीघा उसर, बंजर ,सार्वजनिक भूमि की संपत्तिया वक्फ में दर्ज

यूपी स्पेसल
आशुतोष श्रीवास्तव
बेनक़ाब 24×7

 

प्रदेश सरकार ने 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन का परीक्षण करने का आदेश दिया है। अगर कोई सार्वजनिक जमीन वक्फ संपत्ति में दर्ज कर ली गई थी, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा और वह राजस्व विभाग में मूल स्वरूप में दर्ज की जाएगी।

प्रदेश सरकार ने 33 साल पुराना आदेश रद्द करते हुए वक्फ में दर्ज सरकारी जमीन का परीक्षण करने का आदेश दिया है। अगर कोई सार्वजनिक जमीन वक्फ संपत्ति में दर्ज कर ली गई थी, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा और वह राजस्व विभाग में मूल स्वरूप में दर्ज की जाएगी।

सरकार के इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इस तरह के सभी भूखंडों की सूचना एक माह में मांगी है। साथ ही अभिलेखों को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं

मालूम हो कि 07 अप्रैल, 1989 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि यदि सामान्य संपत्ति बंजर, भीटा, ऊसर आदि भूमि का इस्तेमाल वक्फ (मसलन कब्रिस्तान, मस्जिद, ईदगाह) के रूप में किया जा रहा हो तो उसे वक्फ संपत्ति के रूप में ही दर्ज कर दिया जाए। इसके बाद उसका सीमांकन किया जाए।

इस आदेश के तहत प्रदेश में लाखों हेक्टेयर बंजर, भीटा, ऊसर भूमि वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गईं। अब प्रदेश सरकार का कहना है कि इन संपत्तियों के स्वरूप अथवा प्रबंधन में किया गया परिवर्तन राजस्व कानूनों के विपरीत है। बीते माह राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने शासनादेश जारी कर कांग्रेस शासनकाल में जारी आदेश को समाप्त कर दस्तावेजों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।

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