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Monday, April 29, 2024

उपायुक्त मनरेगा पर जांच के नाम पर धन उगाही का आरोप*

*उपायुक्त मनरेगा पर जांच के नाम पर धन उगाही का आरोप*

*सैकड़ों प्रधानों ने जांच के नाम पर धन उगाही करने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखा*

*मनरेगा योजना के तहत गांव में कराए गए विकास कार्यों की भौतिक सत्यापन के नाम पर पैसा लेने का लगाया आरोप*

*विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने कहा कि उपायुक्त मनरेगा की ओर से जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई शिकायतों की जांच तो की जाती है परंतु रिपोर्ट जाँच नहीं दी जाती*

*मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने कहा आरोप बेबुनियाद शासन के निर्देश पर ही मनरेगा कार्यों की जांच होती है*

*मनरेगा उपायुक्त ने कहा कई कर्मियों की भी जांच हो रही है व स्पष्टीकरण मांगा गया है जांच को प्रभावित करने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं*

*प्रधानों की भी जांच जरूरी प्रधान बनने से पहले की आय व वर्तमान आय की जांच होनी चाहिए प्रधान बनते ही लग्जरी गाड़िया, जमीन , दुकान,बड़े मकान बन जाते है प्रधान का मानदेय 5500 तो कहाँ से हो जाता है इतना विकास:-आम नागरिक पूछता ये सवाल*

जौनपुर 19 सितम्बर
उपायुक्त मनरेग भूपेंद्र सिंह पर सैकड़ों प्रधानों ने जांच के नाम पर धन उगाही करने का आरोप लगाते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखा। विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने भी मामले की जांच मुख्यमंत्री के सचिव से कराए जाने की बात कही है प्रधानों का आरोप है कि उपायुक्त मनरेगा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए मनरेगा योजना के तहत गांव में कराए गए विकास कार्यों के भौतिक सत्यापन के नाम पर पैसा लेते हैं प्रधानों ने 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनका तबादला नहीं होने पर सवाल खड़े किए हैं विधायक रमेश चंद्र मिश्र ने कहा कि उपायुक्त मनरेगा की ओर से जनप्रतिनिधि द्वारा की गई शिकायतों की जांच की जाती है लेकिन रिपोर्ट नहीं दी गई है गए। कहा कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के सचिव से की गई है।

मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया कहा कि कई कर्मियों की जांच चल रही है जांच को प्रभावित करने के लिए इस तरह के आरोप लगाए गए हैं ।

मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया कि शासन के निर्देश पर ही मनरेगा कार्यो की जाँच होती है इस तरह के आरोप राजनीति से प्रेरित है उन्होंने कहा कई कर्मियों और प्रधानों पर जांच चल रही है जांच को प्रभावित करने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं वही जनता के कुछ जागरूक लोगों ने

जागरूक जनता की मांग व सवाल  प्रधान बनने से पहले, प्रधान बनने, के बाद प्रधानों के पास असीमित संपत्तियां कहां से आ जाती है जबकि प्रधान  का मानदेय सिर्फ 5500 रु  इसकी जांच होनी चाहिए ?

प्रधानों पर आरोप लगाया है प्रधानों की प्रधान बनने से पहले और प्रधान बनने के बाद आए की जांच होनी चाहिए प्रधान बनते ही इनके पास मकान ,दुकान, लग्जरी गाड़ियां, खेती की जमीन, बन जाते है जबकि प्रधान का मात्र मासिक मानदेय 55 सो रुपए है गांव का विकास ना करके प्रधान अपना ही विकास कर लेते हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए

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