शाहगंज… खुलासा…!!!
साथी ही निकला हत्यारा, पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
पूर्व प्रधान और पत्रकार से पुरानी रंजिश को लेकर सातिर कातिल ने रचा था नियोजित षड्यंत्र
पुलिस की सक्रियता और निष्पक्ष पड़ताल से षड्यंत्र का हुआ पर्दाफास
साथी को गोली मार उतारा था मौत के घाट … और फिर … अपने ही पैरों पर चलाई थी गोली, अज्ञात बाइक सवार हत्यारों की अफवाह और बेबुनियादी नाटकीय तहरीर
बेकसूरों को मर्डर केस में फंसाने का मास्टर प्लान हुआ फ्लाप, मास्टर माइंड कातिल अब सलाखों के पीछे…..।
नीरज अग्रहरि
शाहगंज / जौनपुर
बेनाकाब 24 x 7
कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सबरहद गांव निवासी एक कुख्यात शातिर अपराधी ने अपने रास्ते का कांटा रहे स्थानीय निर्भीक पत्रकार व सम्मानित पूर्व प्रधान को हत्या के झूठे केस में फंसाने का षड्यंत्र रच डाला और अपने ही साथी को मौत के घाट उतारने के बाद अपने पैरों में भी गोली मार ली, ताकि खुद को निर्दोष और दुश्मनों को हत्यारा साबित कर सके। लेकिन कहते हैं ना कि “सांच को आंच क्या”। स्थानीय पुलिस की पड़ताल में षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ। शातिर कातिल बेनकाब हुआ। फिलहाल मास्टरमाइंड कातिल अब सलाखों के पीछे हैं और निर्दोष तहरीर-ए-आरोपी अब चैन की सांस ले पा रहे हैं।
शातिर मास्टरमाइंड कातिल की तहरीर – विगत दो दिसंबर को क्षेत्र के रसूलपुर सबरहद गांव निवासी मो0 हासिम पुत्र मो0 वाहीद ने पुलिस को तहरीर दिया था कि थाना स्थानीय अन्तर्गत ग्राम मियापुर रोड पर अज्ञात अपाचे मोटरसाईकिल सवार व्यक्तियों द्वारा उसके तथा उसके साथी हरिलाल पुत्र छब्बूलाल निवासी सबरहद को गोली मारी गई है। जिसमें हरिलाल की मृत्यु हो गयी थी और मो0 हासिम के दाहिने पैर के नीचे पिछले हिस्से में गोली लगी थी। मो0 हासिम की तहरीरी सूचना पर पुलिस ने मु0अ0सं0 330/2022 धारा 307/307/504/506/120बी भादवि बनाम मो0 राशिद अनवर एवं अन्य पंजीकृत किया । वहीं मृतक की पत्नी ने भी एक तहरीर दिया था जिसके आधार पर मृतक हरिलाल के अनुसूचित जाति के होने के कारण मुकदमा उपरोक्त में एससी/एसटी एक्ट की बढोत्तरी कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी।
बेगुनाह नामित आरोपियों पूर्व प्रधान व पत्रकार सहित शुभचिंतकों ने स्थानीय पुलिस व प्रशासन से निष्पक्ष जांच की लगाई गुहार – मुकदमा दर्ज होते ही पूर्व प्रधान ग्राम सबरहद राशिद अनवर और सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव तत्काल थाने पर पहुंच गए। लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कई दिनों तक थाने पर ही रहे। वहीं उनके समर्थन में कई समाजिक संगठनों और वरिष्ठ पत्रकार बंधुवो ने भी शासन प्रशासन से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई।