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Monday, April 29, 2024

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी सहित किसी अन्य कार्य में लगाने से रोका*

*इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी सहित किसी अन्य कार्य में लगाने से रोका*

*जस्टिस आलोक माथुर की खंडपीठ ने कहा,*

*अदालत मनीषा कनौजिया और अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा *

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की चुनाव में ड्यूटी पर रोक लगाते हुए कहा ,गर्भवती स्त्रियां ,स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ध्यान नहीं रखा जा पाएगा इससे जनता की स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा

🟧 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार, ब्लॉक स्तर के अधिकारियों और विभिन्न अन्य विभागों को चुनाव ड्यूटी सहित किसी अन्य कार्य/कर्तव्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के लिए कोई भी आदेश पारित करने से रोक दिया।

*जस्टिस आलोक माथुर की खंडपीठ ने कहा*,

⬛इस न्यायालय का विचार है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्य का काफी महत्व है। इस तथ्य को देखते हुए कि ब्लॉक में केवल एक कार्यकर्ता है और यदि चुनाव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को ड्यूटी सौंपी जाती है या कोई अन्य काम नहीं है तो गर्भवती महिलाओं सहित पूरी नर्सिंग और स्तनपान कराने वाली महिला का ध्यान नहीं रखा जाएगा और इससे जनता के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

🟢 आगे न्यायालय ने निर्देश दिया कि उसके आदेश की प्रति मुख्य सचिव, उ0प्र0 सरकार, लखनऊ को तामील की जाये ताकि राज्य के जिलाधिकारियों को उचित निर्देश दिये जा सकें।

🟦अदालत मनीषा कनौजिया और अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो बाराबंकी जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं और जिन्हें स्थानीय निकाय चुनावों में बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) के कर्तव्य पर प्रशासन द्वारा प्रतिनियुक्त किया गया है।

🟥इसे चुनौती देते हुए उन्होंने यह तर्क देते हुए न्यायालय का रुख किया कि मतदान ड्यूटी पर उनकी प्रतिनियुक्ति केंद्र और राज्य सरकारों के आदेशों और निर्देशों के खिलाफ है, क्योंकि इससे क्षेत्र में बच्चों और माताओं की स्वास्थ्य देखभाल प्रभावित होगी।

🟩 याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि अन्य ग्राम-स्तरीय कर्मियों को चुनाव कार्य में लगाया जा सकता है। मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन के आदेश का अनुपालन करने के लिए न्यायालय से अधिकारिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने की मांग की गई।

🔵 दिनांक 19.11.2019 एवं 03.05.2017 के साथ-साथ शासनादेश दिनांक 09.11.2013, जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को गैर एकीकृत बाल विकास सेवा योजना (आई.सी.डी.एस.) से संबंधित कार्यों में लगाने पर रोक लगाता है।

🟪इन प्रस्तुतियों के मद्देनजर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्य के महत्व को स्वीकार करते हुए अदालत ने रिट याचिका की अनुमति दी और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों और विभिन्न अन्य विभागों को निर्देश दिया कि वे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को किसी अन्य कार्य/ड्यूटी में लगाने वाले किसी भी आदेश को पारित करने से खुद को रोकें।

❇️निर्वाचन ड्यूटी सहित एवं शासनादेश दिनांक 19.11.2019 एवं 03.05.2017 के साथ-साथ शासनादेश दिनांक 09.11.2013 का अनुपालन करें।

केस टाइटल:- मनीषा कनौजिया व अन्य बनाम जिलाधिकारी व अन्य
[रिट- ए नंबर- 6428/2022] केस साइटेशन: लाइवलॉ (एबी) 505/2022

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