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Monday, April 29, 2024

मदरसा सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, दारुल उलूम देवबंद समेत 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त

मदरसा सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, दारुल उलूम देवबंद समेत 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त

यूपी स्पेशल 

यूपी सरकार द्वारा करवाए जा रहे मदरसों के सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई है। यूपी में दारुल उलूम देवबंद समेत 306 मदरसे ऐसे हैं जो गैर मान्यता प्राप्त हैं। 10 सितंबर शुरू हुआ था सर्वे का काम।

यूपी की योगी सरकार द्वारा मदरसों के कराए गए सरकारी सर्वे में दारुल उलूम देवबंद भी गैर मान्यता प्राप्त मिला है। इसके साथ ही जिले भर में 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। अल्पसंख्यक विभाग का कहना है कि दारूल उलूम सोसाइटी एक्ट-1988 के तहत पंजीकृत है। इसलिए इसे गैर कानूनी नहीं कहा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराए जा रहे गैर सरकारी मान्यताप्राप्त मदरसों का सर्वे बीती 10 सितंबर को आरंभ हुआ था। जिसक कार्य 20 अक्तूबर को पूरा हो गया। हालांकि 15 नवंबर तक डीएम द्वारा सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जानी है। अभी तक की जांच रिपोर्ट में दारुल उलूम समेत 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं।

सोसाइटी एक्ट में हैं दर्ज

जिला अल्पसंख्यक अधिकारी भरत लाल गौड़ ने बताया कि जनपद के सभी मदरसों का सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। रिर्पोट डीएम को भेज दी गई है। दारुल उलूम देवबंद समेत कुल 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं। ये सरकारी मदद नहीं लेते हैं। कहा कि यह मदरसे गैर मान्यताप्राप्त हैं, गैर कानूनी नहीं हैं। सोसाइटी एक्ट में ये पंजीकृत हैं ।

दान से चलता है दारुल उलूम: मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी

दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि दारुल उलूम सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकृत है। भारतीय संविधान में दी गई धार्मिक आजादी के नियमों के अनुसार धार्मिक और आधुनिक शिक्षा प्रदान कर रहा है। बताया कि पिछले 156 साल से संचालित इदारे ने कभी किसी भी सरकार में कोई अनुदान नहीं लिया। इसका सारा खर्च लोगों द्वारा दिए गए चंदे से वहन किया जाता है।

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