शादी के बाद भी शारीरिक संबंध बनाने में नाबालिग की इच्छा मायने नहीं रखती,
हाई कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा नाबालिग से शादी के बाद उसकी सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध भी दुष्कर्म की श्रेणी में आता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला*
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि भले ही एक नाबालिग लड़की अपना घर छोड़कर किसी से विवाह करती है और अपनी इच्छा से शारीरिक संबंध स्थापित करती है, लेकिन नाबालिग की इस इच्छा का कोई महत्व नहीं होता,इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग की सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध में उसकी सहमति का कोई महत्व नहीं है। कोर्ट ने कहा कि नाबालिग से शादी के बाद उसकी सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध भी दुष्कर्म की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने इस आधार पर आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया।दरअसल, याचिका में आरोपी की ओर से दलील दी गई थी कि उसने नाबालिग से सहमति से शादी की। उसकी सहमति से ही उससे शारीरिक संबंध बनाए। इस पर न्यायमूर्ति साधनारानी ठाकुर ने अलीगढ़ के प्रवीण कश्यप नामक एक व्यक्ति की जमानत की अर्जी खारिज कर दी। प्रवीण ने एक नाबालिग लड़की के साथ विवाह किया था और दोनों पति पत्नी की तरह रह रहे थे।