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Monday, April 29, 2024

सबरहद में गाटा संख्या 89 का कृषि आवंटन की 30 सितम्बर को निकली विज्ञप्ति ,6 अक्टूबर तक कर सकते है आपत्ति

ग्राम सबरहद के तीन तालाब के आवंटन की विज्ञप्ति

सबरहद में गाटा संख्या 89 का कृषि आवंटन की 30 सितम्बर को निकली  विज्ञप्ति 6 अक्टूबर तक आपत्ति कर सकते हैं

 संघ के हिंदूवादी नेता राम मिलन मौर्य  ने प्रधान मुकेश राजभर पर लगाया आरोप , हिंदुओं के एकमात्र श्मशान घाट  के लिए प्रस्ताव क्यो दिया, जबकि एक वर्ग विशेष के लोगों का 14 तालाबो पर कब्जा, भीटा,बाहा ,अस्पताल, खेल मैदान,लाइब्रेरी पर कब्जा क्यो

प्रधान व ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर होता है आवंटन प्रक्रिया

गाटा संख्या 319 जो मुर्दा पोखरा है उस उस तालाब पर आवंटन का ग्राम सभा सबरहद में भारी विरोध

राजदेव राजभर के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी शाहगंज को मुर्दा पोखरे को आवंटन ना करने वा कब्रिस्तान दर्ज करने की मांग करते हुए दिया था ज्ञापन

तहसील शाहगंज क्षेत्र के सबरहद ग्राम पंचायत भूमि समिति के प्रस्ताव पर गाटा संख्या 319,746क,1503 की विज्ञप्ति दैनिक जागरण मैं 26 अगस्त 2022 को निकली थी जो 26 व 27 सितंबर को नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई  थी। पर किसी कारण वश 2 दिन के लिए टाल दी गई फिर इसके बाद भी टल गया । रजिस्टर कानूनगो से बात करने पर उनके द्वारा जानकारी देने की बात कही गई है । ग्रामीणों ने राजदेव राजभर के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन देते हुए ग्राम प्रधान लेखपाल पर आरोप लगाते हुए कहा सैकड़ों वर्षो से गाटा संख्या 319 मुर्दा घाट इस पर पट्टा होना गलत है। सैकड़ों सालों से  5 से 6 गांव का यही एकमात्र श्मशान स्थल है उप जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा इसकी जांच करा ली जाएगी राजदेव राजभर का आरोप है बिना कोई डुग्गी पिटवाये ,प्रधान द्वारा चोरी छुपे प्रस्ताव देना गलत है जबकि प्रधान मुकेश राजभर द्वारा बताया गया है की इस पर सुंदरीकरण होगा जबकि सुंदरीकरण का कोई प्रस्ताव विकासखंड शाहगंज को नहीं दिया गया इस तालाब का ।

 


गांव के ही हिंदूवादी नेता  राममिलन मौर्य ने आरोप लगाया ग्राम प्रधान ,ग्राम पंचायत समिति एक ही मुर्दा पोखरे का प्रस्ताव पारित कर के आवंटन के लिए तहसील को देना सरासर गलत है जबकि 14 तालाब एक वर्ग विशेष के कब्जे में है जबकि भीटा, बाहा,नाला, अस्पताल, खेल मैदान,लाइब्रेरी, प्राइमरी पाठशाला इमामबाड़ा उसको क्यों नहीं तहसील प्रधान प्रधान खाली करवाते। नियम के अनुसार पट्टे की जो प्रक्रिया होती है डुग्गी पिटवानी और खुली बैठक में यह सब प्रस्ताव होता है ।जबकि प्रधान कभी भी खुली बैठक नहीं करते है इधर 30 सितम्बर को फिर से गाटा संख्या 89 पर कृषि आवंटन की विज्ञप्ति दैनिक जागरण में बहुत छोटी सी निकली है जिसमें 6 अक्टूबर तक आपत्ति की तारीख दी गई है दैनिक जागरण की विज्ञप्ति से लोगों को पता चला है कि पट्टा भी होना है जबकि इसका भू राजस्व समिति जिसका अध्यक्ष प्रधान होता है प्रस्ताव द्वारा पारित होने के बाद ही आवंटन की प्रक्रिया होती है ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान ना तो कोई डुग्गी पिटवाते है सब अपने मनमर्जी से करते हैं पूछने पर इनके लोग मारपीट व फर्जी मुकदमे की साजिश रचने लगते हैं । भाजपा की सरकार में इस प्रकार भ्रष्टाचार व अधिकारियों की मिलीभगत लोगों की चर्चा का विषय है।

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