आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय पोषण माह दिवस मनाया , गर्भवती धात्री ,महिलाओं को बच्चों, को रिफाइंड तेल, चने की दाल ,दलिया का वितरण किया गया
स्वास्थ्य बालक बालिका स्पर्धा कराया गया
एनीमिया की रोकथाम खानपान, परामर्श के बारे में बताया गया
बच्चों को खाना खाने से पूर्व, स्वच्छता के बारे में बताया गया
बच्चों का वजन माप लंबाई किया गया
*जौनपुर*
*आशुतोष श्रीवास्तव*
*बेनकाब 24x7*
तहसील शाहगंज के क्षेत्र सबरहद राजभर बस्ती में आंगनवाड़ी केंद्र पर शालिनी श्रीवास्तव ने गर्भवती, धात्री, महिलाएं वह बच्चों को दलिया ,रिफाइंड, चने का दाल ,का वितरण किया गया, बच्चों की लंबाई, वजन, करते हुए राष्ट्रीय पोषण माह दिवस मनाया गया।
सबरहद में सभी केंद्रों पर राष्ट्रीय पोषण माह दिवस मनाया गया गर्भवती महिलाएं धात्री महिलाएं 07 माह से 6 वर्ष के बच्चे दाल तेल दलिया दिया गया।
सेवायें:-
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा अनुपूरक पोषाहार, स्वास्थ्य प्रतिरक्षण,( टीकाकरण) स्वास्थ्य जांच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, स्कूल पूर्व शिक्षा ,निर्देशन एवं संदर्भ सेवा प्रदान की जाती है
अनुपूरक पोषाहार:-
इस कार्यक्रम के अंतर्गत जीरो से 7 माह से 6 वर्ष के बीच था अति कुपोषित बच्चों ,गर्भवती ,तथा धात्री महिलाओं ,किशोरी बालिकाओं, को कुपोषण दूर करने के उद्देश्य अनुपूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है
स्वास्थ्य प्रतिरक्षण (टीकाकरण )
विभाग द्वारा स्वास्थ विभाग की सहायता से परियोजना क्षेत्र में आने वाले 01 वर्ष के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं ,को टीके लगावाये जाते हैं एवं आंगनवाडी कार्यकर्ती, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को स्वास्थ्य जांच क्षेत्रीय एनम के माध्यम से कराती है।
स्वास्थ्य जांच:-
रोगों के निवारण तथा प्राथमिक उपचार के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ती द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय स्तर पर कार्यरत एएनएम से समन्वय कर आवश्यक दवाइयां दिलाने की व्यवस्था करती है ।
पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा-
आंगनबाड़ी कार्यकर्ती द्वारा गृह संपर्क के दौरान तथा आंगनबाड़ी केंद्र पर महिलाओं को बच्चों को लालन-पालन स्वास्थ्य सफाई एवं सामान्य बीमारियों के संबंध में शिक्षित किया जाता है।
स्कूल पूर्व शिक्षा:-
03 से 06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है ।यह समेकित बाल विकास परियोजना का महत्वपूर्ण अंग है बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में जाने से पहले आंगनबाड़ी शिक्षित प्रक्रिया का पहला चरण है ।इसका उद्देश्य बच्चों की शारीरिक नैतिक और सामाजिक विकास के साथ ही उनकी भाषाएं बुद्धि का विकास करना है ।